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मेरी गांड की खुजली पराय मर्द से मिटी – Meri Gand Ki Khujli Paray Mard Se Miti

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आज की कहानी “गांड की खुजली” पे आप सभी भाउज पढ़ने वाले को स्वागत हे | हम बहत  दुखित हे की आपके लिए कुछ दिनों से कुछ नयी कहानी नही ला पाए तो आज से हम आपके लिए हर दिन कुछ नयी कहानी लेन की कोसिस करेंगे, तो उमीद हे की आप सब भी हमें साथ दीजियेगा और हमें अपनी जिंदगी की जो सेक्सी सेक्सी घटनाएं उससे लिखके हमें भेजिए हम कोसिस करेंगे की भाउज में आपका कहानी प्रकाश करने की |

मेरे पति का लंड मेरे चूत में फचाफाच आ और जा रहा था . मुझे काफी मज़ा आ रहा था . शादी के १२ साल के बाद भी चुदाई का आनंद कम नहीं हुआ था। ये तो बढ़ता ही जा रहा था। मेरे चूत ने पानी छोड़ दिया । मेरे चूत से पानी निकल कर मेरे गांड होते हुए बह रहा था। लेकिन मेरे पति अभी भी कायम थे। २ मिनट के बाद उनके औज़ार ने भी पानी छोड़ दिया। वो पस्त हो कर मेरे चूची पर अपना सर रख कर सुस्ताने लगे। मैंने उनके गांड को सहलाते हुए कहा- राजाजी , ज़रा मेरी गांड की भी चुदाई कीजिये ना। कितने दिनों से गांड की चुदाई नहीं की है आपने।
मेरे पति हांफते हुए बोले- नही जान, अब हिम्मत नहीं है। कल तेरी गांड की चुदाई जरूर करूंगा ।
मैंने कहा- कल रात को भी आपने यही कहा था। ३ दिन से मेरे गांड में खुजली हो रही है। प्लीज़ कुछ कीजिये न।
मेरे पति मेरे चूत से अपना लंड निकालते हुए कहा- नहीं बेबी, कल जरूरी मीटिंग है। सो जाओ। सुबह जल्दी उठना है।
कह कर हमेशा की तरह मुह फेर कर सो गए। और मेरी गांड की खुजली को मिटाने के लिए मुझे मोमबत्ती के सहारे छोड़ गए। मैंने बगल से मोमबत्ती उठाई और अपने दोनों टांगों को ऊपर किया जिससे मेरी गांड का दरवाज़ा खुल गया। मैंने धीरे से मोमबत्ती को गांड में डाला और जहाँ तक हो सकता था अन्दर जाने दिया। लेकिन साथ ही साथ उस दिन की दोपहर वाली घटना याद करते हुए १०- १२ मिनट तक गांड में मोमबत्ती डाल कर गांड की चुदाई की। तब जा कर गांड की खुजली थोड़ी कम हुई। तब जा कर थोडा मन को शांति मिली। लेकिन दोपहर वाली घटना अभी भी मेरे दिमाग में घूम रही थी .
दरअसल मेरा नाम माधुरी है. मेरी उम्र 38 साल की है. मेरे पति का नाम दयासिंह है. वो ४२ साल के हैं. वो सरकारी विभाग में कर्मचारी हैं. यूँ तो उनका पोस्ट छोटा ही है लेकिन उपरी कमाई काफी है. उपरी कमाई से ही दिल्ली के छोटे से घर को बड़े घर में बदल दिया . मेरे घर में और कोई नहीं है. मेरा मतलब अभी तक मुझे संतान नहीं हुई है. मेरे सास ससुर अपने गाँव में रहते हैं. यहाँ के मकान में सिर्फ मै और मेरे पति रहते थे. मकान में कई कमरे थे लेकिन रहने वाले सिर्फ हम दो. किसी सज्जन ने मेरे पति को सलाह दी कि क्यों नहीं अपने इस बड़े मकान में लड़कों को रहने के लिए किराया पर रूम दे देते हो. किराया भी अच्छा खासा मिल जाएगा. मेरे पति दयासिंह को ये बात कुछ जंच गयी. उन्होंने ज्यों ही इस के लिए हाँ कहा अगले ही दिन मेरे घर के नीचे वाले फ्लोर पर दो लड़कों ने मिल कर २ रूम ले लिया. दोनों ही डीयू में पढ़ाई करने आये थे. दोनों काफी शांत और पढ़ाई में मगन रहने वाले स्टुडेंट थे. एक का नाम राहुल तथा दुसरे का नाम शान था.
मेरे पति मुझे हर दो दिन पर चोदते हैं. यूँ तो मुझे उनके चुदाई से कोई समस्या नहीं है. मुझे भी काफी मज़ा आता है. लेकिन उनमे एक ही कमजोरी थी कि वो सिर्फ एक बार में एक ही बार चोद सकते हैं. एक बार चोदने के बाद उनकी शक्ति ख़तम हो जाती है. यूँ तो मुझे भी एक बार चुदवा लेने पर संतुष्टी मिल जाती है लेकिन मेरा हमेशा मन करता है कि चुदाई अगर चूत और गांड की एक बार में ना हो तो मज़ा ही नही आता. इसकी आदत भी मेरे पति ने ही मुझे लगाईं थी . शादी के बाद वो मेरी चूत को चोदने के ठीक बाद गांड की चुदाई करते थे. शुरुआत में तो गांड चुदाई में काफी दर्द होता था. लेकिन 1 महीने में ही गांड चुदाई में इतना मज़ा आने लगा कि पूछो मत.सचमुच जन्नत का अहसास है गांड चुदाई..
लेकिन इधर २-३ वर्षों से मेरे पतिदेव का लंड मेरी चूत मारने में ही पस्त हो जाता है. अगर कभी गांड मारते हैं तो चूत की चुदाई नहीं कर पाते. अब मै या तो गांड मरवा सकती थी या सिर्फ अपनी चूत चुदवा सकती थी. इसलिए गांड की चुदाई के लिए मोमबत्ती कासहारा लेना पड़ता था.
उस दिन मेरे पति जब अपने ऑफिस गए हुए थे तो मै किसी काम से नीचे वाले फ्लोर पर गयी. दोपहर के २ बज रहे थे. बाहर कड़ी धुप व गरमी थी. जब मै वापस ऊपर की और जाने लगी तो देखा कि नीचे वाले कमरे का दरवाजा खुला हुआ था . मुझे लगा कि कहीं इन दोनों लकड़ों ने अपने कमरे का दरवाजा खुला छोड़ कर कहीं चले तो नहीं गए. मै उनके कमरे की तरफ गयी . वहां जा कर देखा राहुल सिर्फ अंडरवियर पहने बैठा हुआ है. ज्यों ही मै वहां पहूची मै उसे इस हालत में देख हडबडा गयी. क्यों कि उसने भी मुझे देख लिया था.
उसने मुझे देखते ही कहा- क्या हुआ आंटी जी?
मैंने उसके अंडरवियर पर से नजर हटाते हुए पूछा- ये कमरे का दरवाजा खुला था तो मुझे लगा कि शायद तुम लोग गलती से इसे खुला छोड़ कर कहीं चले गए हो.
राहुल ने कहा- वो कमरे का दरवाजा इसलिए खुला रख छोड़ा है क्यों कि कमरे का दरवाजा खुला रहने से कमरे में हवा अच्छी आती थी.
मैंने कहा- शान नहीं दिखाई दे रहा है.
राहुल ने कहा- वो ट्यूशन गया है.
मैंने फिर राहुल के अंडरवियर पर नजर डालते हुए पुछा- इस तरह क्यों पड़े हो? कम से कम पेंट पहन कर रहना चाहिए ना. कोई देखेगा तो क्या सोचेगा?
राहुल ने कुछ शर्माते हुए कहा- वो आंटीजी, बहुत गरमी है न इसलिए थोड़ी हवा ले रहा था. मुझे क्या पता की कोई लेडी इस रूम में आ जायेगी?
मैंने जल्दीबाज़ी में उसके अंडरवियर पर एक गहरी नजर डाली और वापस मुड गयी. मुझे उसके अंडरवियर के अन्दर उसके बड़े लंड का अंदाजा हो गया था.
जब मै अपने फ्लोर पर आयी तो मेरी नजर के सामने अभी राहुल का लंड घूम रहा था . रात को जब गांड में मोमबत्ती डाल कर गांड की चुदाई कर रही थी तो मुझे फिर से दोपहर वाली घटना याद आ गयी और मुझे लगा की अगर राहुल का लंड इस मोमबत्ती की जगह होता तो कितना मज़ा आता
अगले दिन जब मेरे पति ऑफिस जा रहे थे तो बोले – आज मीटिंग है . हो सकता है की रात के 9 बजे से पहले ना आ पाऊँ .
मै भी अपने घरेलु कामो में व्यस्त हो गयी. दिन के १ बजे तक घर का सारा काम काज निपटा कर आराम करने बेड पर चली गयी. आज भी अच्छी खासी गरमी थी. मैंने अपने सारे कपडे उतारे और नंगे ही बेड पर लेट गयी. एक हाथ मेरी चूची पर थी और एक हाथ से अपनी चूत के बाल को खींच रही थी. अचानक मुझे गांड में खुजली महसूस होने लगी. मुझे राहुल के लंड के बारे में ख़याल आ गया. मुझे लगा कि यदि किसी तरह से राहुल के लंड से अपनी गांड मरवा लूं तो मज़ा आ जाए. सोचते सोचते मुझे गर्मी चढ़ गयी और बेड पर ही अपनी चूत में उंगली डाल कर मुठ मार ली. लेकिन गांड की खुजली अभी समाप्त नही हुई थी. मैंने रिस्क लेने की ठान ली और सोचा पहले देखूंगी की राहुल राजी होता है कि नही . सोच कर मैंने २ बजे कपडे पहने और नीचे वाले फ्लोर पर गयी. मुझे पता था कि शान ट्यूशन पढने गया होगा . आज नीचे का कमरे का दरवाज़ा लगा हुआ था . मैंने किवाड़ी खटखटाया . अन्दर से राहुल निकला और प्रश्नवाचक निगाहों से मेरी तरफ देखने लगा.
मैंने कहा – राहुल, जरा ऊपर आ कर देखो ना, मेरा टीवी नहीं चल रहा है.
राहुल ने बिना कोई और सवाल किये मेरे साथ ऊपर आ गया . ऊपर जैसे ही आया मैंने अपने घर का दरवाजा अच्छी तरह से बंद कर लिया . राहुल ने टीवी आन किया तो टीवी चलने लगा.
वो बोला – आंटीजी टीवी तो चल रहा है.
मै बोली – अरे हाँ ये तो चलने लगा. लेकिन पता नहीं क्यों अभी थोड़ी देर पहले ये नहीं चल रहा था.
खैर तुम थोड़ी देर यहीं बैठो और देखना कि ये फिर से बंद हो जाता है कि नहीं .
राहुल ने झट से रिमोट हाथ में लिया और क्रिकेट लगा कर देखने लगा.
इधर मै अपने पति को फोन लगाया और पुछा कि शाम में आते समय सब्जी लायेंगे कि नहीं ?
पति ने जवाब दिया – आज शाम को नहीं आ पाऊंगा . कम से कम 9 बाज़ ही जायेंगे .
सुन कर मै निश्चिंत हो कर फोन रख दी .
मैंने राहुल से कहा – तुम जाना नहीं , मै तुम्हारे लिए कोल्ड ड्रिंक लाती हूँ ।
मैंने २ कोल्ड ड्रिंक बनाया . और उसके बगल में जा कर बैठ गयी.
और कहा – कोल्ड ड्रिंक पियो ना.
उसने कोल्ड ड्रिंक उठाया और धीरे धीरे पीने लगा. मै उसके लंड के बारे में सोच कर उत्तेजित हो गयी और जोरों की अंगडाई ली जिस से मेरे चूची बाहर की और निकल गए . राहुल ने एक नजर मेरी चूची की तरफ डाली फिर क्रिकेट देखने लगा.
मैंने सोचा कि शुरुआत कहाँ से करूँ ?
मैंने कहा- राहुल तुम्हारी उम्र कितनी है?
राहुल – २२ साल.
मैंने कहा- एकदम जवान हो. लेकिन मै तो तुम्हे बच्चा समझ रही थी.
राहुल सिर्फ थोडा मुस्कुराया.
मैंने फिर कहा- अब तो तुम्हे शादी कर लेनी चाहिए.
राहुल बोला- बड़ा हो गया हूँ लेकिन शादी के लायक बड़ा नहीं हुआ हूँ आंटीजी.
मैंने कहा- क्यों ? मैंने तो कल देखा था तुम्हारा ? अच्छा खासा बड़ा लग रहा था.
राहुल ने मेरी तरफ आश्चर्य की भाव से देखा और कहा- क्या देखा था आपने?
मैंने कहा- वो जो का तुम अंडरवियर में थे ना तो मैंने ऊपर से ही देख कर तुम्हारे लिंग का साइज़ का अंदाज़ लगा लिया था. अच्छा बड़ा है.
राहुल का चेहरा शर्म से लाल हो गया. वो जल्दी जल्दी कोल्ड ड्रिंक पीने लगा.
मैंने उसका हाथ थाम लिए और कहा- हडबडाते क्यों हो ? आराम से पियो न.
वो बोला- आंटीजी, आप बहुत ही बोल्ड हैं.
मैंने कहा- राहुल, एक काम करो ना प्लीज. जरा मेरे बेड रूम में आओ ना. जरा मेरी हेल्प कर दो ना.
राहुल बोला – चलिए.
मै उसे लेकर अपने बेड रूम में आ गयी और दरवाजा को अच्छी तरह से बंद कर दिया. फिर उसे अपने साथ अपने बेड पर बिठाया और धीरे से उसके लंड पर हाथ रखा और
कहा- मुझे एक जगह खुजली हो रही है और मुझे तुम्हारी जरूरत है. क्या तुम मेरी खुजली मिटा दोगे?
राहुल कोई बच्चा नहीं था. वो भी समझ गया था कि मै क्या कहना चाहती हूँ.
फिर भी बोला- कहाँ खुजली हो रही है?
मैंने उसकी आँखों में वासना की आग को देखा और झट अपनी साड़ी उतार दी. बिना समय लगाये अपना पेटीकोट भी उतार दी. लगे हाथ अपना ब्लाउज भी खोल दिया. सिर्फ ३० सेकेंड में मै उसके सामने ब्रा और पेंटी में थी. मै उसका हाल देखना चाहती थी. वो एकटक मेरी चूची को देख रहा था. अब मैंने और देर नहीं की और अपनी ब्रा भी उतार दी. अब मेरी चुचीयां बाहर आज़ाद थी.
मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपनी चूची पर रख दी. और कहा – इसे दबाओ ना.
वो मेरी चूची दबाने लगा. मुझे मज़ा आने लगा. मैंने एक हाथ उसके पैंट पर रखा. अन्दर उसका लंड फनफना रहा था.
मैंने कहा- अपने कपडे खोलो ना.

gand ki khujli
उसने अपनी शर्ट , पैंट और अंडरवियर उतार दी. उसका लंड ७ इंच से कम का नही था.
मैंने उसके लंड को हाथ में लिया और सहलाने लगी. उसने भी मेरे पेंटी में हाथ डाला और मेरी चूत को सहलाने लगा. फिर मेरी पेंटी को मेरी चूत से नीची खिसका दिया. अब मेरी चूत वो साफ़ साफ़ देख सकता था. मेरी चूत देखते ही उसके लंड में तूफ़ान मचने लगा. उसने मुझे पलंग पर लिटा दिया और लगा मेरी चिकनी चूत को चूसने. आजकल के लड़के हाई स्कूल से ही सेक्स के बारे में इतना जानने लगते हैं कि उनके पापा लोग भी ना जान पायें. उसने मेरी चूत में अपनी जीभ घुसा दी और मेरे चूत का नमकीन स्वाद लेने लगा. मेरी आँख बंद थी. कहाँ मै ३८ साल की और कहाँ मुझसे १६ साल छोटा सिर्फ २२ साल का था. लेकिन ऐसा लग रहा था कि मानो वही ३८ साल का हो और मैं २२ साल की कुंवारी लकड़ी. थोड़ी देर में मेरे चूत में से पानी निकलने लगा. मै सिसकारी भरने लगी. वो मेरी चूत के पानी को चाट रहा था. अब वो मेरे ऊपर आया और मेरी चुचियों को लालीपॉप की तरह चूसने लगा. उसका हर अंदाज़ निराला था. मुझे याद आ गया जब मेरे पति जवान थे तब शादी के बाद वो भी इसी प्रकार सेक्स करते था. चूची चूसते चूसते वो और ऊपर चढ़ा और मेरी ओठों को अपने ओठों से चूसने लगा. उधर नीचे उसके फनफनाते हुए लंड मेरी चूत से रगड़ खा रहा था.
मैंने अपनी दोनों टांगो को ऊपर कर के आजु बाजू फैला कर अपनी चूत का मुह खोलते हुए राहुल को निमंत्रण देते हुए कहा- राहुल, देर ना करो, और मेरी चूत में अपना लंड डालो.
राहुल ने अपने लंड को पकडा और मेरी चूत पर घुसाने की कोशिश करने लगा. लेकिन बच्चू यहीं मात खा गया. उसे पता ही नहीं चल रहा था कि असली छेद किधर है. मैंने उसकी प्रोब्लम को समझा और उसके लंड को पकड़ कर अपनी चूत की सही छेद के मुह पर रख दिया. उसने सडाक से अपने लंड को मेरे चूत में घुसेड दिया. मेरा चूत तो टाईट नहीं था लेकिन उसके मोटे लंड की वजह से संकरा हो गया था. उसने पूरा लंड मेरी चूत में अन्दर तक डाल दिया. पहले तो वो कर अपने लंड से मेरे चूत के अन्दर का अहसास लेने लगा. फिर २ मिनट तक रुकने के बाद उसने चुदाई प्रारम्भ की. उफ्फफ्फ्फ़ क्या चुदाई की उसने. मेरी चूत की तो हालत ख़राब कर दी. हैरतंगेज बात तो ये थी कि 5 मिनट तक लगातार चुदाई के बाद भी उसके लंड से पानी नही निकल रहा था. जबकि मेरी चूत ने दूसरी बार पानी छोड़ना चालु कर दिया. 5 मिनट और चुदाई करने के बाद उसके धक्के तेज़ होने लगे. अब वो झड़ने वाला था.
मैंने कहा- चूत में माल मत गिरा देना.
लेकिन उत्तेजना में उसने कुछ नहीं सुना और कस कर अपना लंड मेरे चूत में दाबा और माल मेरे चूत में ही गिराने लगा. मैंने कोशिश की कि उसके लंड को किसी तरह से अपने चूत से निकाल दूँ लेकिन उसने इतनी कस के मेरी चूत में लंड डाल रखा था कि मै कुछ ना कर सकी. और चुपचाप उसका माल को अपनी चूत में गिरने दिया. 1 मिनट के बाद उसने मेरे चूत से लंड निकाला तो मैंने देखा कि उसका लंड का माल मेरे चूत में से निकल कर मेरे गांड की दरार से बहते हुए बिस्तर पर जा गिरा है.फिर देखा अभी भी उसका लंड उसी तरह खड़ा है. मैंने भी अभी थकी नहीं थी.
मैंने उसके लंड को पकड़ कर कहा- शाबाश राहुल, तुम कमाल के खिलाड़ी हो. मज़ा आ गया. मेरा एक और काम करो न.
वो बोला – क्या?
मैंने कहा- मेरी गांड की खुजली मिटा दो ना राजा.
वो बोला – ठीक है. किस स्टाइल में गांड मरवायेंगीं आप? मेरे लंड के ऊपर बैठ कर या खड़े खड़े या डौगी स्टाइल में?
मै ज्यादा आश्चर्यचकित नही थी कि उसे इतना सब कैसे पता.
सिर्फ मैंने इतना कहा – तुम्हे किस स्टाइल में मारने आता है?
वो बोला- आज तक तो मैंने कभी मारा नहीं लेकिन इन्टरनेट पर देख कर जानता हूँ.
मैंने कहा – मुझे सबसे अच्छा डौगी स्टाइल ही लगता है. क्यों कि इसमें दर्द भी होता है और दर्द का मज़ा भी आता है.
उसने कहा- ठीक है.
उसने मुझे खड़े खड़े ही आगे जमीं पर झुक जाने को कहा. मैं जमीं पर खड़े हो कर अपने टांगो को सीधा रखते हुए आगे बेड पर झुक गयी. इस से मेरी गांड का छेद राहुल को साफ़ साफ़ दिखने लगा. उसने मेरी गांड के छेद में ऊँगली लगाईं . उसके उंगली लगाते ही मेरी गांड, और चूत से ले कर चूची तक सिरहन दौड़ गयी. उसने धीरे से मेरी गांड के छेद में उंगली डाली और चारों तरफ घुमाया. इस से मेरे गांड का छेद कुछ खुल गया. अब उसने दोनों हाथों का अंगूठा मेरे गांड के छेद में डाला और उसे फैला दिया. मुझे उसकी इस हरक़त से बहुत मज़ा आया. जब कोई आपके हरेक अंग से प्यार करे तो सेक्स का आनन्द ही अलग हो जाता है. अब उसने दोनों अंगूठों से मेरी गांड के छेद को फैला कर अपने लंड को उसकी मुह पर लेते आया. लेकिन अभी भी उसे संशय हो रहा था क्यों कि मेरे गांड का छेद उसके लंड के मोटाई के अनुपात में कम ही चौड़ा था.
उसने कहा- लगता है कि मेरा लंड इसमें नहीं जा पायेगा. जबरदस्ती करने पर आपके गांड को नुक्सान पहुँच सकता है.
मैंने पीछे देखते हुए कहा- मेरे गांड की चिंता मत करो. तुम लंड डालो.
उसने ऐसा ही किया. उसने जोर लगा कर अपना लंड मेरे गांड की छेद में डाल दिया. उसका लंड मेरे पति के लंड से कुछ तो मोटा था लेकिन मेरा गांड भी कोई कमजोर नही था. मै दांत पर दांत बैठा कर हर दर्द सह गयी. उसने अपने पूरे लंड को मेरे गांड में एक बार में डाल दिया. अब उसने मेरी कमर पर अपने हाथ की पकड़ मज़बूत बनाई और मेरे गांड की चुदाई चालु कर दी. मुझे तो जैसे जन्नत नसीब हो रहा था. ऐसा लग रहा था कि मेरे गांड की वर्षों की खुजली राहुल आज ही मिटा देगा. २ मिनट में ही मेरी गांड की छेद चौड़े हो गए. मुझे इतना आनद तो अपने पतिदेव से भी कभी प्राप्त नही हुआ. राहुल ने मेरी कमर पर से हाथ हटा कर मेरी चुचियों को थाम लिया. एक तरफ वो मेरी गांड की भापुर चुदाई कर रहा था दूसरी तरफ वो मेरी चुचियों को भी दबा रहा था.
१० मिनट तक वो इसी तरह से मेरी गांड मारता रहा. १० मिनट के बाद उसका लंड से माल निकलना शुरू हुआ तो अपना पूरा लंड मेरी गांड में घुसेड दिया और स्थिर हो कर माल मेरी गांड में गिरा दिया. जब सारा माल निकल गया तो उसने मेरे गांड से अपना लंड निकाला. मै धीरे धीरे अपने गांड के छेद को छूती हुई उठ खड़ी हुई. मेरा गांड का छेद अभी भी पूरी तरह से खुला हुआ था. मेरी गांड से राहुल का रस निकल कर मेरी जाँघों से होता हुआ जमीन पर गिर रहा था.

gand marwai choda
मैंने राहुल के लंड को हाथ में लिया और उसे सहलाते हुए कहा- थैंक्स राहुल.
फिर मैंने कपडे से अपनी गांड और बुर से निकल रहे माल और पानी को पोछा. राहुल मेरे बेड पर चित्त हो कर लेट गया . मैंने कपडे से उसके लंड को भी साफ़ किया फिर कपडे को एक तरफ फ़ेंक कर उसके सीने पर अपनी चूची दबाते हुए उसके ऊपर लेट गयी और अपनी चूत को उसके लंड में घसते हुए बोली- राहुल, आज मज़ा आ गया. तुम्हे कैसा लगा?
राहुल बोला- मुझे भी अच्छा लगा.
मैंने कहा – कल फिर आओगे ना?
वो बोला – हाँ.
घडी पर नजर डाली तो साढ़े तीन बजने वाले थे.
राहुल ने कहा- अब मुझे चलना चाहिए. 4 बजे शान वापस आ जाता है.
मैंने कहा- ऐसे कैसे जा सकते हो? पहले कॉफ़ी पियो .
मैने अपने रूम का दरवाजा खोला और नंगे ही किचन चली गयी क्यों कि मैंने घर के सारे खिड़की और दरवाज़े पहले ही बंद कर रखे थे. राहुल और अपने लिए झट से काफी बनाई और फ्रीज़ से ताज़ी मिठाइयां और नमकीन निकाली. और कॉफी और नाश्ता ले कर अपने बेड रूम में वापस आई. राहुल अभी भी नंगा ही बेड पर लेटा हुआ था. मैंने उसे उठने को कहा. तो उठ कर सोफे पर बैठ गया. मै नंगी ही उसके गोद में उसके लंड पर बैठ गयी और बोली – तुम दुसरा काम करो मै तुम्हे खिलाती हूँ. मै उसे मिठाई व नमकीन खिला रही थी और वो मेरी चूची और चूत को सहला रहा था. काफी और नाश्ता ख़तम करते करते १५ मिनट बीत गए. इन १५ मिनट में राहुल का लंड फिर से तनतना गया. मैंने उसके लंड को पकड़ कर उसकी आँखों में देखा. उसने मुझे सोफे के नीचे जमीन पर लिटाया और मेरे चूची में अपना सर डाला और मेरी चूत में अपना लंड. इस बार घातक स्पीड में मेरी चुदाई की. 5 मिनट में ही कम से कम 500 बार उसने अपने लंड को मेरी चूत में अपना लंड घुसाया और निकाला. मै तो दुसरे मिनट ही झड गयी थी. उसकी घातक गेंदबाजी ने मेरे होश फाख्ता कर दिया. 5 मिनट बीतते बीतते उसका ओवर समाप्त होने को आया. उसने फिर से कस के लंड को मेरी चूत में डाला और माल गिराने लगा. इस बार माल गिरते ही वो तुरंत खड़ा हुआ और बाथरूम जा कर अपना लंड साफ़ किया. तब तक मै यूँ ही बेसुध जमीन पर पड़ी रही. मेरे सामने उसने अपने कपडे पहने . मै यूँ ही नंगी लेटी हुई उसे देख रही थी. जब उसने अपने शर्ट का आखिरी बटन लगाया तो मै किसी तरह खडी हुई. मेरे चूत, चूची और गांड तीनो में दर्द का अहसास हो रहा था. और बदन भी टूट रहा था. लेकिन ये दर्द भी उतना ही मजा दे रहा था जितना किसी शराबी को एक बोतल शराब का नशा मज़ा देता है. मै उठ कर आलमारी के पास आयी और आलमारी से 1000 रूपये का 5 नोट निकाला और राहुल की जेब में रखने लगी.
राहुल बोला- नहीं नहीं, ये किसलिए ? मुझे ये नहीं चाहिए.
मै उससे लिपटते हुए बोली- ये मेरे प्रेम का उपहार है मेरे राहुल. प्लीज इनकार मत करो. ये तो वही पैसे हैं जो तुम मेरे मकान में रहने का किराया देते हो. अब जब तुम मेरे दिल में बस गए हो तो मकान में रहने का किराया मै तुमसे कैसे ले सकती हूँ?
पहले तो वो मना करता रहा. लेकिन जब मै उसे अपनी नंगी गिरफ्त से छोड़ने को राजी नही हुई तो उसने फिर कुछ नही बोला. मैंने उसकी जेब में वो नोट रखे और उसे अपनी नंगी गिरफ्त से आज़ाद कर दिया. 3.55 हो चुके थे. राहुल झट से मेरे कमरे से बाहर निकल गया. और मै उसके पीछे पीछे उसी हालत में ड्राइंग रूम तक आई और घर का दरवाज़ा अन्दर से बंद किया और बाथरूम में जा कर बाथ टब में जा कर पानी में जो लेटी और बीते हुए आनंददायक पलों को याद करते करते कब शाम हो गयी कुछ पता ही ना चला .
आज मेरी गांड की खुजली मिट चुकी थी. राहुल ने अपना वादा निभाया और अक्सर मेरी इच्छानुसार आ कर मेरी गांड और चूत की खुजली मिटाता रहता है.

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